तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर विशेष | जानें तुलसी जी के विषय मे 10 महत्त्वपूर्ण बातें

तुलसी पूजन दिवस सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से तुलसी माता की पूजा और उनकी उपासना के लिए समर्पित है।

तुलसी का पूजन

हिंदू धर्म में तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है और मान्यता है कि तुलसी का पूजन (Tulsi Puja) करने से घर में सुख-समृद्धि और अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

तुलसी जी के विषय मे महत्त्वपूर्ण बातें

शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी का स्वरूप बताया गया है। पुरानी परंपरा है कि घर में तुलसी जरूर होना चाहिए। सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा हमारे घर पर बनी रहती है।

यदि आपके घर में भी तुलसी हो तो यहां बताई जा रही 10 बातें हमेशा ध्यान रखनी चाहिए। यहां जानिए शास्त्रों के अनुसार बताई गई तुलसी की खास बातें…

तुलसी के पौधे की खास बातें

1👉 तुलसी के पत्ते चबाना नहीं चाहिए

तुलसी का सेवन करते समय ध्यान रखें कि इन पत्तों को चबाए नहीं, बल्कि निगल लेना चाहिए। इस तरह तुलसी का सेवन करने से कई रोगों में लाभ मिलता है। तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व होते हैं। पत्तों को चबाते समय ये तत्व हमारे दांतों पर लग जाते हैं जो कि दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। इसीलिए तुलसी के पत्तों को बिना चबाए ही निगलना चाहिए।

2👉 शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए

शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए। इस संबंध में एक पौराणिक कथा बताई गई है। कथा के अनुसार, पुराने समय दैत्यों के राजा शंखचूड़ की पत्नी का नाम तुलसी था। तुलसी के पतिव्रत धर्म की शक्ति के कारण सभी देवता भी शंखचूड़ को हराने में असमर्थ थे। तब भगवान विष्णु ने छल से तुलसी का पतिव्रत भंग कर दिया। इसके बाद शिवजी ने शंखचूड़ का वध कर दिया।

जब ये बात तुलसी को पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दिया। विष्णुजी ने तुलसी का श्राप स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम धरती पर गंडकी नदी तथा तुलसी के पौधे के रूप में हमेशा रहोगी। इसके बाद से ही अधिकांश पूजन कर्म में तुलसी का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है, लेकिन शंखचूड़ की पत्नी होने के कारण तुलसी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती है।

3👉 तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ना चाहिए।

बिना वजह तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने पर दोष लगता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है। तुलसी के पत्ते इन विशेष दिनों में तो बिल्कुल ही नही तोड़ना चाहिए। ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण समय। इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।

तुलसी पूजन

4👉 रोज करें तुलसी का पूजन

हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए। साथ ही, तुलसी के संबंध में यहां बताई गई सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। हर शाम तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

5👉 तुलसी से दूर होते हैं वास्तु दोष

घर-आंगन में तुलसी होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी इसका शुभ असर होता है। पैसों की कमी नहीं आती है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है।

6👉 तुलसी घर में हो तो नहीं लगती है बुरी नजर

मान्यता है कि तुलसी से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है। साथ ही, घर के आसपास की किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा पनप नहीं पाती है। सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। घर में सकारात्मक और सुखद वातावरण रहता है।

7👉 तुलसी से वातावरण होता है पवित्र

तुलसी से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं से मुक्त रहता है। इसी पवित्रता के कारण घर में लक्ष्मी का वास होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

8👉 तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए

तुलसी का सूखा पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है। घर में यदि घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे किसी पवित्र नदी में, तालाब में या कुएं में प्रवाहित कर देना चाहिए। एक पौधा सूख जाने के बाद तुरंत ही दूसरा पौधा लगा लेना चाहिए। घर में हमेशा स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाना चाहिए।

9👉 तुलसी औषधि भी है

आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना जाता है। तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बहुत-सी बीमारियों को दूर करने में और उनकी रोकथाम करने में सहायक होते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन हमें नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते रहना चाहिए।

10👉 तुलसी कृष्ण को बेहद प्यारी हैं

कृष्णसेवा के प्रत्येक भोग में तुलसी दल रखकर अर्पण करना चाहिए। इसलिये प्रतिदिन कान्हा के चरणों में तुलसीदल यानि तुलसी का पत्ता ज़रूर अर्पण करना चाहिए।
“तुलसी कृष्ण प्रेयसी नमो: नमो:”

देवी तुलसी पूजन के वैदिक मंत्र

1) महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी,
आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

2) देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

🙏 राधे-राधे,जय श्रीकृष्ण🙏

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by Tripti Srivastava
मेरा नाम तृप्ति श्रीवास्तव है। मैं इस वेबसाइट की Verified Owner हूँ। मैं न्यूमरोलॉजिस्ट, ज्योतिषी और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ हूँ। मैंने रिसर्च करके बहुत ही आसान शब्दों में जानकारी देने की कोशिश की है। मेरा मुख्य उद्देश्य लोगों को सच्ची सलाह और मार्गदर्शन से खुशी प्रदान करना है।

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