दोस्तों, आजकल हर तरफ NATO की चर्चा हो रही है . अगर आप को नहीं पता है की NATO क्या है तो आज की इस पोस्ट में मैं NATO के बारे में full details बताने वाली हूँ. तो चलिये जानते हैं कि What is NATO?
NATO का पूरा नाम North Atlantic Treaty Organization अर्थात् उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन है। यह एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है, इसे उत्तर अटलांटिक एलायंस भी कहा जाता है. इसकी स्थापना 4अप्रैल 1949 ई. को हुई थी।
नाटो क्या है? What is NATO
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), जिसे उत्तरी अटलांटिक गठबंधन भी कहा जाता है, 28 यूरोपीय देशों और 2 उत्तरी अमेरिकी देशों के बीच एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है।
इसे नाटो (NATO) क्यों कहा जाता है?
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) 1949 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और कई पश्चिमी यूरोपीय देशों द्वारा सोवियत संघ के खिलाफ सामूहिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए गठित एक अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और सैन्य संगठन है।
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नाटो (NATO) में कितने देश हैं?
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) 30 सदस्य देशों का एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है, जिसमें से 28 यूरोपीय देश और 2 उत्तरी अमेरिकी देश (कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका) हैं।
नाटो के 30 सदस्य अल्बानिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड, उत्तरी मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड हैं। , पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य।
नाटो (NATO) में कितने भागीदार देश हैं?
नाटो भागीदार देश हैं:
आर्मेनिया, ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बेलारूस, बोस्निया और हर्जेगोविना, फिनलैंड, जॉर्जिया, आयरलैंड, कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य, माल्टा, मोल्दोवा गणराज्य, रूस, सर्बिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान।
नाटो (NATO) का उद्देश्य क्या है?
नाटो का उद्देश्य अपने सदस्य देशों को सामूहिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी सदस्य राज्य को किसी बाहरी देश द्वारा धमकी दी जाती है, तो प्रतिक्रिया में एक पारस्परिक रक्षा दी जाएगी।
नाटो (NATO) का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
नाटो का मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है।
नाटो (NATO) का नेता कौन है?
नाटो संगठन का नेतृत्व नॉर्वे के पूर्व प्रधान मंत्री जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने किया है, जिन्होंने 2014 में महासचिव की भूमिका निभाई थी। नाटो महासचिव के रूप में श्री स्टोल्टेनबर्ग के जनादेश को सितंबर 2022 के अंत तक बढ़ा दिया गया है।
रॉयल नीदरलैंड नौसेना के एडमिरल रॉब बाउर नाटो सैन्य समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
क्या यूक्रेन नाटो (NATO) में है?
यूक्रेन वर्तमान में नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन यह एक भागीदार देश है। यूक्रेन और नाटो के बीच एक समझ है कि देश भविष्य में इसमें शामिल हो सकता है।
क्या है नाटो (NATO) के साथ रूस का मसला?
नाटो यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो। एस्टोनिया और लातविया नाटो के सदस्य हैं। ये दोनों देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे। यूक्रेन के नाटो का हिस्सा बनने की सूरत में रूस हर तरफ से अपने दुश्मन देशों से घिर सकता है। ऐसे में रूस नहीं चाहता है कि नाटो का विस्तार हो।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आश्वासन मांगा कि यूक्रेन वैश्विक संगठन में शामिल नहीं होगा, लेकिन नाटो ने यह कहते हुए पीछे धकेल दिया कि यह एक संप्रभु देश है जो अपने स्वयं के सुरक्षा गठबंधनों को चुनने के लिए स्वतंत्र है और इसमें शामिल होने के लिए स्वतंत्र है।
हालांकि, अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी यूक्रेन को नाटो से प्रतिबंधित करने से इनकार कर रहे हैं, यह कहते हुए कि यह एक संप्रभु देश है जो अपने सुरक्षा गठबंधनों को चुनने के लिए स्वतंत्र है।
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