केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस से संक्रमित एक 14 साल के किशोर की मौत हो गई। यह राज्य में इस साल निपाह वायरस से होने वाली पहली मौत है। इसके बाद से राज्य सरकार अलर्ट मोड में आ गई है।
Nipah Virus Kya Hai
दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम निपाह वायरस के बारे में detail में जानेंगे कि Nipah Virus Kya Hai? निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं? कैसे फैलता है ये वायरस? निपाह वायरस के संक्रमण से कैसे बचें?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद वैज्ञानिक लगातार तीसरी लहर के जल्द दस्तक देने की चेतावनी दे रहे हैं। मगर इस बीच अब एक और वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। जिसका नाम निपाह वायरस है। चमगादड़ों में इस वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
निपाह वायरस
भारत में सतारा जिले के महाबलेश्वर की गुफाओं में निपाह वायरस (Nipah Virus) का पता चला है. महाराष्ट्र के मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर महाबलेश्वर के जंगलों में एक गुफा के अंदर रहने वाले चमगादड़ों में निपाह वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.
भारत में ‘निपाह वायरस’ को लेकर लोगों की परेशानी बढ़ गई है, ‘निपाह वायरस‘ एक तरह का संक्रमित रोग है। मेडिकल टर्म में इसे NiV भी कहा जाता है। NiV के बारे में सबसे पहले 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह गांव में इस वायरस का सबसे पहले पता चला था। इस गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा।
साल 2018 के बाद से यह 5वीं बार है कि केरल में निपाह वायरस का संक्रमण फैला है। पहली बार साल 2018, फिर 2019, 2021, 2023 और अब 2024 में इसके मामले सामने आए हैं।
क्या होता है निपाह वायरस : Nipah Virus Kya Hai
निपाह मनुष्यों और जानवरों में फैलने वाला एक गंभीर इंफेक्शन (वायरस) है। वर्ष 2018 में निपाह वायरस ने केरल में दस्तक दी थी। उस समय निपाह के संक्रमण से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निपाह एक जूनोटिक वायरस है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में फैलता है। संक्रमित जानवरों या उनके शरीर से निकले तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।
यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण होता है, इसलिए इसे ‘निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस’ भी कहा जाता है! ‘निपाह वायरस’ हेंड्रा वायरस से संबंधित है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स यानी फल खाने वाले चमगादड़ के जरिए फैलता है।
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यह वायरस एक जानवर से फलों में और फलों के जरिए व्यक्तियों में फैलता है। इस गंभीर संक्रमण की चपेट में आने से इंसान की मौत भी हो सकती है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि अभी तक इस बीमारी का कोई सटिक इलाज भी नहीं हैं। बचाव के जरिए ही इससे दूर रहा जा सकता है।
कैसे फैलता है ये वायरस
यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है यानि ‘निपाह वायरस’ चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। इस खतरनाक वायरस के एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है। खजूर के खेतों में काम करने वालों में ‘निपाह वायरस’ फैलने का खतरा ज्यादा होता है, जिससे मौत भी हो सकती है।
निपाह वायरस आमतौर पर फल खाने वाले चमगादड़ों (फ्रूट बैट्स) में पाया जाता है। इन्हें फ्लाइंग फॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। फ्रूट बैट प्रजाति के चमगादड़ इस संक्रमण को तेजी फैलाते हैं। इसकी वजह यह है कि यह एक मात्र स्तनधारी है जो उड़ सकता है।
चमगादड़ पेड़ पर लगे फलों को खाकर संक्रमित कर देता है। जब पेड़ से गिरे इन संक्रमित फलों को इंसान खा लेता है तो वह बीमारी की चपेट में आ जाता है।
यह वायरस खतरनाक होता है क्योंकि इसका संक्रामक समय काफी लंबा होता है। जब तक इंसान में इस वायरस का पता चलता है, तब तक वह अनजाने में कई लोगों को संक्रमित कर चुका होता है।
निपाह वायरस कहाँ पाया जाता है
यह वायरस खासतौर पर मलेशिया में पाया जाता है। इंसानों में इसके फैलने का खतरा तब होता है जब चमगादड़ द्वारा खाए हुए फल को कोई इंसान खा ले। इसलिए वहां जाने से बचना चाहिए, जहां पर जंगलों में चमगादड़ ज्यादा हों।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस का संक्रमण बढ़ने से मरीज कोमा में भी जा सकता है, इसके बाद इंसान की मौत हो जाती है। ये वायरस एन्सेफलाइटिस सिड्रोम के जरिए बहुत तेजी से फैलता है। यह रेसपायरी और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करता है।
इसके प्रमुख लक्षण ये हैं :
- तेज बुखार और सिरदर्द
- सिर में तेज जलन
- सांस लेने में तकलीफ
- गले में खराश और खांसी आना
- मांसपेशियों में दर्द की समस्या
- थकान महसूस होना
- दिमाग में सूजन और दर्द
- मानसिक भ्रम
कैसे फैलता है ये वायरस ?
जैसा कि इस वायरस से निपटने के लिए कोई वैक्सीन का ईजाद नहीं किया है, ये वायरस फैलने वाला संक्रमण है, इसलिए इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर चलना चाहिए। इस वायरस से बचाव के लिए रिबावायरिन नामक दवाई का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तीन तरह से फैलता है ये वायरस
- -इंफेक्टेड चमगादड़ के संपर्क में आने से।
- -इंफेक्टेड सूअर के संपर्क में आने से।
- -वायरस से इंफेक्टेड पेशेंट के संपर्क में आने से।
इंसानों तक ऐसे पहुंच रहा है ये वायरस…
- निपाह वायरस से इन्फेक्टेड चमगादड़ या कोई और पक्षी किसी फल पर चोंच मारता है या खाता है, तो ये वायरस फ्रूट में आ जाता है। ये फल कोई भी हो सकता है।
- वायरस वाला फ्रूट मार्केट से आपके घर तक पहुंच सकता है। अगर आप इन्हें खा लेते हैं तो आप भी निपाह वायरस के शिकार हो सकते हैं।
- यदि किसी सूअर में यह वायरस है तो उसके जरिए भी इसका इन्फेक्शन आप तक पहुंच सकता है।
- इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से इन्फेक्टेड है और आप उसके संपर्क में आते हैं तो आप इसके शिकार हो जाएं।
निपाह वायरस के संक्रमण से कैसे बचें?
- इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के नजदीक न जाएं
- खजूर के फल को खाने से परहेज करना चाहिए।पेड़ से गिरे फल को नहीं खाना चाहिए।
- निपाह के संक्रमित रोगी से दूरी बनाए सुअर और चमगादड़ों से दूर रहें ।
- बिना धूले फल ना खाएं। बाहर के कटे फल और जूस से भी परहेज करें। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाएं।
- खजूर के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी शराब पीने से बचें।
- बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।
- बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। निपाह बुखार से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को ढंकना महत्वपूर्ण है। मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें और उसके सम्पर्क में आने से बचें क्योंकि उसमें वायरस के अवशेष मौजूद होंगे। और उसके अंतिम संस्कार से पहले शरीर को स्नान करते समय सावधानी बरतें।
Conclusion
Hello friends, आशा करती हूँ की आपको मेरी ये पोस्ट “ निपाह वायरस क्या है? (Nipah Virus Kya Hai ) निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं? निपाह वायरस के संक्रमण से कैसे बचें? ” पसंद आई होगी. अगर आपको इस post से related कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे comment करें और इस post को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि आपकी वजह से कोई और भी निपाह वायरस के बारे में पता कर सकें।