नौतपा क्या है?
साल के सबसे गर्म नौ दिनो को नौतपा कहा जाता है। जब गर्मी अपने चरम पर होती है तो उस अवधि को नौतपा कहते हैं। आमतौर पर नौतपा मई के अंत और जून की शुरुआत में पड़ता है और इसे गर्मी के सबसे तपते दिनों में से एक माना जाता है।
नौतपा कब से शुरु होगा?
इस बार नौतपा 25 मई 2024 से शुरू होकर 02 जून तक रहेगा। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे हीट वेव या लू वाले दिन भी कहते हैं। इस दौरान सूर्य की किरणें धरती पर सीधी पड़ती हैं।
25 मई को 3:17 पर सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा का शुभारंभ हो गया। सूर्य 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे।
हर साल सूर्य 15 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के प्रथम 9 दिन को नौतपा माना जाता है।
नौतपा के दौरान गर्मी क्यों बढ़ जाती है?
रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक माना जाता है जबकि चंद्र शीतलता का प्रतीक होता है। सूर्य जब चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करते है तो सूर्य इस नक्षत्र को अपने प्रभाव में ले लेता है, इस वजह से ताप अधिक बढ़ जाता है।
नौतपा (साल के सबसे गर्म 9 दिन) के समय सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है। इस कारण से तेज गर्मी पड़ती है। इस अवधि में सूर्य और पृथ्वी आमने सामने होते हैं। इसीलिए इस दौरान सूर्य की किरणें धरती पर सीधी पड़ती हैं।
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के प्रथम 9 दिन को नौतपा माना जाता है। नौतपा (साल के सबसे गर्म 9 दिन) के समय सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है। इस कारण से तेज गर्मी पड़ती है।
नौतपा और मानसून का क्या संबंध है?
ज्योतिष मान्यता के अनुसार यदि कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण यह मानसून का गर्भकाल आ जाता है और इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल भी कहा जाता है।
पुरानी मान्यताओं के अनुसार नौतपा के बारे में एक कहावत है-
तपै नवतपा नव दिन जोय,
तौ पुन बरखा पूरन होय।
नौतपा के सभी नौ दिन पूरे तपें तो यह अच्छी बारिश के संकेत माने जाते हैं। इसीलिए मानसून की राह देखते किसान मानते हैं कि यदि नौतपा खूब तपा तो उस साल बारिश जमकर होगी।
नौतपा के दौरान लू चलना क्यों जरूरी है?
मान्यता है कि नौतपा के 9 दिनों में लू चलना भी बेहद जरूरी है:
‘दो मूसा, दो कातरा, दो तीड़ी, दो ताव।
दो की बादी जळ हरै, दो विश्वर दो वाव।
अर्थात –
नौतपा के पहले दो दिन लू न चली तो चूहे बहुत हो जाएंगे।
अगले दो दिन न चली तो कातरा (फसल को नुकसान पहुँचाने वाला कीट)।
तीसरे दिन से दो दिन लू न चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे।
चौथे दिन से दो दिन नहीं तपा तो बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे।
इसके बाद दो दिन लू न चली तो विश्वर यानी साँप-बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। आखिरी दो दिन भी नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेंगी। फसलें चौपट कर देंगी।
नौतपा के नौ दिन मे क्या करना चाहिए
प्राचीन पौराणिक परंपराओं के अनुसार नौतपा के दौरान पेड़ पौधे अधिक से अधिक लगाने चाहिए।
पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने से पितृ प्रसन्न होते है।
इन दिनों जरुरमंद लोगों को ऐसी चीजों का दान करें जिनसे उन्हें गर्मी से राहत मिले। जैसे पंखे का दान, घड़े का दान, कपड़े, चप्पल, अन्न, जल, सत्तू, पंखा, छाता अदि। ऐसा करने से आपको नवग्रहों का शुभ फल मिलता है।
नौतपा में हल्का भोजन करना चाहिए एव हल्के कलर के कपड़े पहनना चाहिए।
खाली पेट घर से ना निकले और अति आवश्यक कार्य होने पर ही घर से निकले।
नौतपा के फायदे
नौतपा की दौरान गर्मी अधिक पड़ने से लोगों को कई सारी परेशानी होती है। सब्जी, चारे, मूंग और उड़द की फसल को नुकसान पहुंचता है।
नौतपा (Nautapa) की भीषण गर्मी से एक ओर जहां आम लोग परेशान हैं वहीं खेती के लिए नौतपा की प्रचंड ग्रमी वरदान साबित होती है। इसके कई फायदे भी हैं।
अगर ज्यादा गर्मी नहीं पड़ेगी और लू नहीं चलेगी तो कीड़े मकौड़े अधिक हो जाएंगे। सांप-बिच्छू की पैदावार अधिक होगी। फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े बढ़ेंगे, टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे। ऐसे में जीवन के लिए जितनी बारिश और सर्दी जरूरी है उतनी ही गर्मी भी जरूरी है।
नौतपा में सूरज जितना तपेगा और जितनी अधिक लू चलेगी बारिश उतनी ही अच्छी होगी। अधिक गर्मी की वजह से कीड़े-मकौड़े, जहरीले जीव-जंतुओं के अंडे नष्ट होंगे। चूहों की संख्या नियंत्रित रहेगी और बुखार के वायरस नष्ट होंगे।
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FAQs : नौतपा
नौतपा कब से है?
नौतपा 25 मई 2024 से शुरू होकर 02 जून तक रहेगा।
नौतपा का मतलब क्या होता है?
साल के सबसे गर्म नौ दिनो को नौतपा कहा जाता है।
नौतपा के दौरान सूर्य किस नक्षत्र में रहता है?
नौतपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में रहता है।