कार्तिक मास
✍️ पुराणों के अनुसार इसी माह में कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। कुमार कार्तिकेय के पराक्रम को सम्मान देने के लिए ही इस माह का नाम कार्तिक मास रखा गया है।
✍️ इस साल कार्तिक माह 29 अक्तूबर, रविवार से शुरू हो चुका है और इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर को होगा।
कार्तिक मास- महत्व
✍️ कार्तिक मास तप और व्रत का माह है। इस माह में भगवान की भक्ति और पूजा अर्चना करने से मनुष्य की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। पुराणों के अनुसार इस मास में भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में निवास करते हैं। इसलिए कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक नियमित सूर्योदय से पहले नदी या तालाब में स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य कार्तिक मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करता है उसे अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है। गीता के एक अध्याय का पाठ करने से मनुष्य घोर नरक से मुक्त हो जाते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार इस महीने में अन्न दान करने से पापों का सर्वथा नाश हो जाता है।
कार्तिक मास- भगवान विष्णु की पूजा
✍️ कार्तिक मास से देव तत्व भी मजबूत होता है। इसी महीने भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि में आनंद और कृपा की वर्षा होती है। इस मास में श्री विष्णु जी के साथ तुलसी की भी पूजा अर्चना की जाती है। इस मास में स्नान, दान, दीप करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है।
✍️ इस महीने में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों को अपार धन देती हैं। इस महीने में धन और धर्म दोनों से संबंधित कई प्रयोग और नियम हैं। कार्तिक मास में विशेष रूप से श्रीहरि की उपासना की जाती है।
कार्तिक मास- तुलसी विवाह
✍️ कार्तिक मास में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम होता है। इस महीने दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है। विशेष तौर पर दीप दान करने से बड़ा लाभ मिलता है।
✍️ कार्तिक माह में अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपदान, आंवला दान करना बहुत ही लाभदायक होता है।का र्तिक मास में भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान शालिग्राम की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। साथ ही इस माह में प्रतिदिन गीता का पाठ करें और मंदिर, नदी, तीर्थ स्थान या घर में दीप प्रज्वलित करें।
यह भी जरूर पढ़ें –
देवउठनी एकादशी 2023, तुलसी विवाह मुहूर्त, पूजा विधि
✍️ कार्तिक मास- संभव हो तो ये कार्य नहीं करे- 👇
माना जाता है कि कार्तिक के महीने में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं। ऐसे में भूलकर भी मछली या फिर अन्य प्रकार की तामसिक चीजें के सेवन से बचना चाहिए। इस दौरान जमीन पर सोना लाभकारी माना जाता है। साथ ही तन, मन की स्वच्छता का पूर्ण रूप से ध्यान रखें और साथ ही अपनी इंद्रियों पर संयम रखें। तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसून और मांसाहर का सेवन न करें।
कार्तिक मास- पौराणिक कथाऐं
✍️ पौराणिक कथा के अनुसार शंखासुर नामक असुर ब्रह्माजी से वेदों को चुराकर भाग रहा था। वेद उनके हाथों से छूटकर समुद्र में प्रवेश कर गए। देवताओं की प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने कहा कि मैं मछली का रूप धारण करके अभी वेदों को लाता हूं। उसी समय भगवान ने कहा कि अबसे कार्तिक के महीने में सभी वेदों के साथ मैं स्वयं जल में रहूंगा। इस महीने में नियमित स्नान पूजन करने वाले पर कुबेर भी कृपा करेंगे।
✍️ पद्म पुराण के अनुसार पूर्वजन्म में रुक्मिणी गंगा तट पर रहने वाली एक विधवा ब्राह्मणी थीं। वह नियमित रूप से गंगा स्नान करके तुलसी की पूजा किया करती थीं और भगवान विष्णु का ध्यान करती थीं। कार्तिक मास की ठंड में एक दिन स्नान करके पूजा करने के क्रम में इनकी आत्मा को शरीर से मुक्ति मिल गई। इनकी आत्मा के पास पुण्य की इतनी पूंजी थी कि उन्हें देवी लक्ष्मी के समान स्थान प्राप्त हो गया। इसी पुण्य के प्रभाव से वह भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी बनीं।
कार्तिक मास 2023 व्रत-त्यौहार
✍️ व्रत-त्यौहार के नजरिए से कार्तिक का महीना काफी महत्वपूर्ण है। कार्तिक माह में हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार भी किए जाते हैं जो इस प्रकार है – गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठ पूजा, दिवाली और देवोत्थान एकादशी जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं।👇
तो आइए यहां जानते हैं कार्तिक के महीने में पड़ने वाले त्यौहार की तारीखों के बारे में।
1 नवंबर 2023: करवा चौथ व्रत, संकष्टी चतुर्थी दिन बुधवार
5 नवंबर 2023: अहोई अष्टमी व्रत, राधा कुंड स्नान, कालाष्टमी दिन रविवार
9 नवंबर 2023: रमा एकादशी व्रत, दिन गुरुवार
10 नवंबर 2023: धनतेरस, प्रदोष व्रत दिन शुक्रवार
11 नवंबर 2023: छोटी दीपावाली, काली चौदस दिन शनिवार
12 नवंबर 2023: दीपावाली, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा दिन रविवार
13 नवंबर 2023: कार्तिक अमावस्या, दिन सोमवार
14 नवंबर 2023: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट पूजा दिन मंगलवार
15 नवंबर 2023: भैया दूज, दिन बुधवार
16 नवंबर 2023: विनायक चतुर्थी, गुरुवार
17 नवंबर 2023: वृश्चिक संक्रांति (सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश), दिन शुक्रवार
18 नवंबर 2023: स्कंद षष्ठी, दिन शनिवार
19 नवंबर 2023: छठ पूजा, दिन रविवार
20 नवंबर 2023: गोपाष्टमी, दिन सोमवार
22 नवंबर 2023: कंस वध, दिन बुधवार
23 नवंबर 2023: देवोत्थान एकादशी, दिन गुरुवार
24 नवंबर 2023: तुलसी विवाह, दिन शुक्रवार
25 नवंबर 2023: बैकुंठ चतुर्दशी, दिन शनिवार
26 नवंबर 2023: देव दीपावली, दिन रविवार
27 नवंबर 2023: कार्तिक पूर्णिमा, दिन सोमवार