14 मार्च से 13 अप्रैल तक सूर्य रहेंगे मीन राशि में नहीं किए जा सकते मांगलिक कार्य
कब से शुरु है खरमास : Kharmas Date 2024
ग्रहों के राजा सूर्य जब मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास आरंभ होते हैं। ऐसे में साल में दो बार खरमास लगते है। बता दें कि 14 मार्च 2024 को 12 बजकर 23 मिनट पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन संक्रांति के साथ-साथ खरमास भी आरंभ हो जाएंगे। जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे, तो खरमास समाप्त हो जाएगा।
खरमास का महत्व : Kharmas 2024
इस वर्ष मीन खरमास (Kharmas) 14 मार्च से 13 अप्रैल तक रहेगा। इस महीने को मीन मलमास भी कहा जाता है। सूर्य जब मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है। इस दिन से मीन खरमास या मलमास की शुरुआत हो जाती है।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य जब मीन राशि में होता है तो मलीन अवस्था में होता है अर्थात मीन मलमास में सूर्य का शुभ प्रभाव कमजोर पड़ जाता है।
खरमास में क्या नहीं करना चाहिए
मीन मलमास में ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के चलते एक महीने कोई शुभ कार्य नहीं होंगे।
👉सारे शुभ काम और मांगलिक काम वर्जित होते हैं।
👉विवाह संस्कार, मुंडन, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश, भूमि पूजन का काम नहीं करना चाहिए।
👉नए समान, नए वाहन और नए कपड़े खरीदने से बचें।
👉किसी से झगड़ा ना करें।
👉मासांहारी भोजन से दूर रहें।
👉मदिरापान ना करें।
👉लहसुन-प्याज ना खाएं।
सुख-समृद्धि के लिए खरमास में क्या करें
इस दौरान भगवान विष्णु की खास पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से इंसान को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
👉ब्रह्मचर्य का पालन करें।
👉सत्संग करें।
👉मन पूजा-पाठ और ध्यान में लगाएं।
👉दान-पुण्य करना चाहिए।
👉गरीबों को दान देना चाहिए।
👉विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
👉सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
👉तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें।
👉गाय को चारा खिलाएं।
👉गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें।
👉बृहस्पति का उपवास करें और उपाय भी करें।
👉गुरुवार को मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।
इस मास को क्यों खरमास कहते हैं
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्य अपने रथ के घोड़ों पर दया करके उन्हें कुछ अवधि के लिए विश्राम देते हैं और उन्हें पानी पिलाने के लिए तालाब लेकर जाते हैं। किंतु सूर्य भगवान एक बार थम जाएं तो सृष्टि कैसे चलेगी, इसलिए इस अवधि के दौरान उन्होंने तालाब किनारे खड़े खरों (गधों) को अपने रथ के आगे लगा देते हैं। इसीलिए इस अवधि को खरमास कहते हैं।
चूंकि घोड़ों के मुकाबले गधों की गति काफी धीमी होती है इसलिए इस दौरान सूर्य-रथ की गति धीमी पड़ जाने के कारण सूर्य का शुभ प्रभाव कमजोर पड़ जाता है।
खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं
किसी भी शुभ कार्य के लिए बृहस्पति और सूर्य का अच्छे स्थिति में होना अनिवार्य है। सूर्य जब बृहस्पति की राशियों, धनु और मीन में गोचर करता है तो इन दोनों राशियों को दूषित कर देता है और बृहस्पति एक तरह से निस्तेज हो जाता है।
इसलिए सूर्य की धनु और मीन संक्रांति में मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हो जाते हैं। सगाई, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं।
अतः ये मान्यता है कि चाहे व्यापार हो या कोई मंगल कार्य यदि इस कालावधि में किया तो वह फलीभूत नहीं होता। इसलिए खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
ग्रह परिवर्तन का राशियों पर असर👇
मेष –
नौकरी या व्यापार में चिन्ता, रिश्ते और सेहत को लेकर सावधानी बरते, यात्रा के योग। कोर्ट कचहरी कामों में सफलता।
वृषभ –
यश बढ़ेगा, रूका काम पूरा होगा, थोड़े प्रयास से कार्यों की बाधा दूर होगी। धन खर्च अधिक होगा।
मिथुन –
रुके काम बनेंगे, पद-प्रतिष्ठा का लाभ होगा। आजीविका के नए साधन मिलेंगे। पारिवारिक यात्राएं होंगी।
कर्क –
पदोन्नति के आसार, पर सेहत और यात्राओं का विशेष ध्यान रखे, मान-सम्मान प्राप्त होगा। शुभ समाचार मिलेंगे।
सिंह –
व्यापार में नुकसान, दुर्घटना से सावधान, रिश्ते में तनाव, आंखों का ध्यान रखे। खर्च की अधिकता रहेगी।
कन्या –
श्रम अधिक लेकिन फल कम, वैवाहिक जीवन का ध्यान रखे, साझेदारी में नए काम प्रारंभ करेंगे। बेवजह विवाद से बचे।
तुला –
अज्ञात भय किन्तु तमाम समस्याओं से छुटकारा मिलेगा, कुल मिलाकर समय अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
वृश्चिक –
धन लाभ, किन्तु सेहत का ध्यान रखे खासकर पेट की लेकर सतर्क रहे। प्रेम संबंध बनेंगे। अटके कार्यों को गति मिलेगी।
धनु –
धन, सुख, सम्मान, संपत्ति प्राप्त होगी। किन्तु सेहत का विशेष ध्यान रखे। परिवार की ओर से सहयोग और सुख प्राप्त होगा।
मकर –
नौकरी में परेशानी आ सकती है। धन संकट रहेगा। शत्रु परेशान करेंगे। लोग आपसे चिढ़ेंगे।
कुंभ –
व्यापार या नौकरी में परेशानी, सेहत का ध्यान रखे। काम में मन नहीं लगेगा। धन आएगा किंतु खर्च भी अधिक होगा।
मीन –
व्यापार में लाभ, कैरियर में आकस्मिक परिवर्तन का योग।सम्मान मिलेगा। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आने वाली है।
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मार्च में खरमास कब से शुरू है?
14 मार्च 2024 को 12 बजकर 23 मिनट पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन संक्रांति के साथ-साथ खरमास भी आरंभ हो जाएंगे।
खरमास में कौन कौन से कार्य वर्जित है?
खरमास में मांगलिक कार्य प्रतिबंधित हो जाते हैं। सगाई, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कार्य नहीं किए जाते हैं।
खरमास में किसकी पूजा करनी चाहिए?
खरमास के दौरान भगवान सूर्य को जल तर्पण करना चाहिए। इस दौरान भगवान विष्णु की खास पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से इंसान को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं करना चाहिए?
किसी भी शुभ कार्य के लिए बृहस्पति और सूर्य का अच्छे स्थिति में होना अनिवार्य है। सूर्य जब बृहस्पति की राशियों, धनु और मीन में गोचर करता है तो इन दोनों राशियों को दूषित कर देता है। इसीलिए खरमास में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।