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कौन है पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
दोस्तों आजकल न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया में बागेश्वर धाम बाबा चर्चा के विषय बने हुए हैं। आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के इस बाबा का नाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है। कहा जाता है कि ये महाराज बिना जाने ही आपके मन की बात बता सकते हैं।
आज के इस पोस्ट में हम आपको बागेश्वर धाम सरकार से मशहूर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय देने जा रहे हैं। बागेश्वर महाराज कौन है? Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi में जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

बागेश्वर धाम का इतिहास (Bageshwar Dham)
मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम एक चंदेलकालीन प्राचीन सिद्ध पीठ है। बागेश्वर धाम सरकार मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित एक हनुमान जी का मंदिर है। यह बाला जी को समर्पित भगवान का मंदिर है।
कहा जाता है कि यह मंदिर सालों पुराना है। इस मंदिर का पुनर्निमाण 1986 में कराया गया था। श्री बाला जी महाराज के मंदिर के पीछे धीरेंद्र शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि है। शास्त्री जी अपने दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी हैं जो ‘सिद्ध’ संत थे।
बाबा बागेश्वर धाम महाराज
धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री का जन्म इसी गांव में हुआ था। इस जगह पर धीरेंद्र गर्ग जी ने कई बार भागवत कथा का भी आयोजन किया। जिसके बाद इस कथा में भक्त धीरे-धीरे जुड़ने लगे। फिर इसके बाद बागेश्वर का यह मंदिर बागेश्वर धाम कहलाना शुरू हो गया।
ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर, धाम की सभी अलौकिक शक्तियां निवास करती हैं। इसी जगह पर बागेश्वर सरकार के गुरु की समाधि भी है, जिनकी शक्ति आज भी इस धाम के अंदर समाहित है।
यहीं से शुरू हुआ पंडित धीरेंद्र शास्त्री या बागेश्वर धाम महाराज कहलाने का सफर । इस प्रसिद्ध मंदिर में बागेश्वर धाम महाराज के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं।
बागेश्वर बालाजी
बचपन से ही धीरेंद्र शास्त्री लोगों को प्रभावित करने में माहिर थे। वो कम उम्र में ही गांव में लोगों के बीच बैठकर कथा सुनाने लगे। उन्होंने 8-9 वर्ष से ही बागेश्वर बालाजी की सेवा शुरू कर दी थी।
जब वो 12-13 वर्ष के थे तो उन्हें यह अनुभव होने लगा कि उन पर बागेश्वर बालाजी की विशेष कृपा है। साल 2009 में उन्होंने अपनी पहली भागवत कथा सुनाई थी। धीरेंद्र कृष्ण महाराज के दर्शन के लिए दुनिया भर से लोग बागेश्वर धाम आते हैं।
धीरेन्द्र शास्त्री का सम्मान (Dhirendra Krishna Shastri Awards)
शास्त्री जी ने अपनी भारतीय संस्कृति को विदेशों में भी उजागर किया है। दो साल पहले सोशल मीडिया से शुरू हुआ उनके प्रसिद्धि का सफर विदेशों तक पहुंच गया। उन्हें विदेशों में कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
उन्होने लंदन और लीसेस्टर शहर जाकर श्रीमत भागवत कथा और हनुमत कथा का पाठ किया। 14 जून 2022 को लंदन की संसद में उन्हें सम्मानित किया गया था। यह भारत के लिए बड़े गर्व की बात थी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर क्या है विवाद?
नागपुर की एक संस्था ने बाबा बागेश्वर की चमत्कारी शक्तियों को चुनौती दी थी. संस्था ने धीरेंद्र शास्त्री पर अधंविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया है. संस्था का कहना है कि अगर वो अपनी शक्तियों को सार्वजनिक रूप से साबित नहीं करते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी उनकी तथाकथित शक्तियों को ढोंग करार दिया है. उन्होंने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री को चमत्कारों का दावा करने से बचना चाहिए. इसके बाद से ही विवाद (Controversy) मचा हुआ है. कोई बाबा के समर्थन में तो कोई उनके खिलाफ बयान दे रहा है.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन परिचय – Biography of Dhirendra Krishna Shastri
पूरा नाम (full name) | धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री |
पहचान मिली | बागेश्वर धाम से |
अन्य प्रसिद्ध नाम | बाबा बागेश्वर धाम, बागेश्वर धाम सरकार, धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री |
जन्म | 4 जुलाई 1996 |
जन्म स्थान | गढ़ा गाँव, छतरपुर जिला, मध्य प्रदेश |
भाषा | हिंदी, अंग्रेजी, बुंदेली, संस्कृत |
जाति | ब्राह्मण |
धर्म | हिन्दू |
पिता का नाम | रामकृपाल गर्ग |
माता का नाम | सरोज गर्ग |
दादाजी का नाम | भगवान दास गर्ग |
भाई-बहन | शालिग्राम गर्ग (छोटा भाई) ) और रीता गर्ग (छोटी बहन) |
धीरेन्द्र शास्त्री जी के गुरु | जगद्गुरु रामभद्राचार्य (पद्मविभूषण से सम्मानित) |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित (unmarried) |
शैक्षिक योग्यता | कला वर्ग से स्नातक (B.A) |
व्यवसाय | कथावाचक, सनातन धर्म प्रचारक, दिव्य दरबार, यूट्यूब चैनल |
पुरस्कार | संत शिरोमणि, वर्ल्ड बुक ऑफ़ लन्दन, वर्ल्ड बुक ऑफ़ यूरोप |
कुल संपत्ति | 19.5 करोड़ |
बिना बताए ही लोगों की परेशानियों से निजात दिलाने का दावा करते हैं बाबा
बाबा बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के नाम से मशहूर धीरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) लोगों को परेशानियों से निजात दिलाने का दावा करते हैं।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हमेशा दावा किया है कि यह भगवान हनुमान की शक्ति और चमत्कार है जो भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। वह केवल एक माध्यम हैं और उनके पास कोई अलौकिक शक्ति नहीं है।
बागेश्वर मंदिर धाम में अर्जी कैसे लगाते हैं?
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के लिए पहले श्रद्धालुओ को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। जब श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन करवा लेते है तो उनको एक टोकन दिया जाता है। श्रद्धालुओ को अपना नाम, मोबाइल नम्बर और पता देना होता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद श्रद्धालु बागेश्वर धाम में अपनी अर्जी लगा सकते हैं।
बागेश्वर धाम के टोकन क्या होते हैं?
बागेश्वर मंदिर धाम में दर्शन करने के लिए मंदिर की सेवा समिति के कर्मचारियों की तरफ से टोकन जारी किये जाते हैं। श्रद्धालुओ को टोकन लेने के लिए अपने मोबाइल नंबर और नाम की जानकारी देनी पड़ती है।
बागेश्वर मंदिर धाम में लाल और काले रंग की पोटली क्यों बांधी जाती है?
बागेश्वर धाम मन्दिर में हजारो की सख्या में लाल और काले रंग की पोटली दिखाई देती है। श्रद्धालु को एक लाल रंग के कपड़े में नारियल बाधंकर मन में अपनी समस्याओं को दोहराते हुए इस पोटली को मन्दिर के अन्दर कही बाधना होता है।
इसमें लाल और काले रंग की पोटली में, अंतर यह है कि काले रंग की पोटली सिर्फ भूत-प्रेत बाधा वाले व ऊपरी समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति बांधते है। जबकि लाल रंग की पोटली, अन्य सभी समस्याओं के लिए बांधी जाती है।
पोटली बांधने को ही अर्जी लगाना कहते हैं। अर्जी लगाने के बाद, श्रद्धालु 21 बार मंदिर की परिक्रमा करते हैं। इस दौरान मन में, अपनी समस्याओं को लगातार दोहराया जाता है।
बाबा बागेश्वर समस्याओं का समाधान कैसे करते हैं?
बागेश्वर धाम में हर मंगलवार और शनिवार को एक दरबार या दरबार आयोजित किया जाता है, क्योंकि शास्त्री महाराज जी हनुमान के भक्त हैं। दुनिया भर से लोग अपनी जिंदगी से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बागेश्वर धाम आते हैं।
बागेश्वर बाबा हमेशा एक छोटी गदा लेकर चलते हैं. उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्तियां मिलती रहती हैं. वो हनुमान जी की आराधना करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भगवान हनुमान के भक्तों की समस्याओं को हल करने के लिए अपने चमत्कारों का प्रदर्शन करते हैं। इंसान की समस्याओं को उससे बिना पूछे धीरेन्द्र शास्त्री कागज पर लिख देते हैं और बिना बताए ही लोगों के मन की बात जानकार समस्या का समाधान भी बता देते हैं।
बाबा बागेश्वर धाम के 5 अनमोल वचन
कथा वाचन के दौरान बागेश्वर बाबा कई ऐसी अनमोल बातें कहते हैं जो प्रत्येक मनुष्य के जीवन में बहुत काम आती है। उनमें से कुछ उनके सुविचार निम्न हैं :
1. प्रार्थना मनुष्य को हर बुरे समय से बचा सकती है।
2. सुख और दुख को झूले की गति से देखिए, दुख का झूला जितना पीछे जाएगा सुख का झूला उससे और आगे जाएगा।
3. जो लोग अभाव में होते हैं वह ज्यादा भजन करते हैं, प्रभाव के समय भजन नहीं हो सकता।
4. जो लोग हर समय अभाव के बारे में सोचते रहते हैं उनको नहीं पता है कि यदि अभाव नहीं होगा तो, प्रभाव का महत्व कभी नहीं पता चलेगा।
5. जिन विद्यार्थियों ने अपने अपने रोज के जीवन में माता-पिता और गुरु को प्रणाम करना शुरू कर दिया उनकी बल आयु और विद्या बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है।
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FAQ :
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म कब और कहां हुआ?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई,1996 को मध्यप्रदेश में छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शैक्षिक योग्यता क्या है?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने छतरपुर के गंज गांव से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने बी.ए की डिग्री ली।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मासिक आय लगभग कितनी है?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हर महीने की कमाई करीब 3.5 लाख रुपये तक है। वह रोजाना करीब 8 हजार रुपये कमाते हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का क्या नाम है?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग है।