ये तन्हाइयां | Hindi Poem | Hindi Kavita | Jovial Talent -7

 

ये तन्हाइयां

 
 
ये तन्हाइयां
Ye Tanhaiyan – Hindi poemHindi poem

 

ये तन्हाइयां हमेशा ही तेरा साथ निभाती हैं,

निःस्वार्थ भावना से तुझे गले से लगाती हैं।

 

परेशानियों में जब तेरी आँखें हैं डबडबाती,

ये तन्हाइयां तुम्हें अपने आगोश में ले लेतीं।

 

जब कभी तेरे अपनों ने तुझको ठुकराया,

तन्हाइयों ने आकर तुझे गले से लगाया।

 

जब भी तेरे अपनों ने तेरा साथ ना निभाया,

तन्हाइयों ने आकर अपना दामन बिछाया।

 

जब कभी किसी ने तेरा मनोबल गिराया,

तनहाइयों ने आकर तेरा ढाँढस बँधाया।

 

ये तन्हाइयां
Ye Tanhaiyan : Hindi Kavita

 

ज़िन्दगी के जिन मीठी यादों को तुमने खोया,

तनहाइयों ने वो यादें अपने पास है संजोया।

 

पर तनहाइयों से सबने सिर्फ स्वार्थ है निभाया,

खुशियों में कभी इसको साझेदार ना बनाया।

 

तन्हाइयां ही देती हैं तेरे ग़म में तुझको ‘तृप्ति‘,

न जाने क्यों तू चाहता है इन तनहाइयों से मुक्ति।

 

तृप्ति श्रीवास्तव

 

एक औरत के उदगार – Hindi poem by Tripti Srivastava

by Tripti Srivastava
मेरा नाम तृप्ति श्रीवास्तव है। मैं इस वेबसाइट की Verified Owner हूँ। मैं न्यूमरोलॉजिस्ट, ज्योतिषी और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ हूँ। मैंने रिसर्च करके बहुत ही आसान शब्दों में जानकारी देने की कोशिश की है। मेरा मुख्य उद्देश्य लोगों को सच्ची सलाह और मार्गदर्शन से खुशी प्रदान करना है।

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