मेरे जीवन की पहचान
इस दिल का अरमान हो तुम,
मेरे जीवन की मुस्कान हो तुम,
करे न क्यों खुद पर वो गुमान,
जिसके जीवन का तुम हो सम्मान।
जीने की अभिलाषा तुम,
इस जीवन की हर आशा तुम ।
जिंदगी की चाहत में तुम,
मेरे कदमो की आहट में तुम ।।
इस दिल का अरमान हो तुम,
मेरे जीवन की मुस्कान हो तुम ।
करे न क्यों खुद पर वो गुमान,
जिसके जीवन का तुम हो सम्मान।।
जीने की अभिलाषा तुम,
इस जीवन की हर आशा तुम ।
जिंदगी की चाहत में तुम,
मेरे कदमो की आहट में तुम ।।
मेरे जीवन की पहचान.. by Tripti Srivastava
जो मैं नदिया, तो किनारा तुम,
जो मैं आकाश, तो सितारा तुम ।
जो मैं अग्नि, तो अंगारा तुम,
जो मैं बगिया, तो बहारा तुम ।।
इस दरिया ए मौज़, की धारा तुम,
मेरे जीने का सहारा हो तुम ।
हर मुश्किल का समाधान हो तुम,
मेरे जीवन की पहचान हो तुम।।
तुझमें ही मेरी साँस है बसती,
तुमसे जीने की आस है मिलती।
तुझे सदा मिलती रहे ‘तृप्ति‘ ,
इस दिल की यही है अभिव्यक्ति ।।
—तृप्ति श्रीवास्तव