मेरे जीवन की पहचान | Hindi poem by Tripti Srivastava 7

मेरे जीवन की पहचान

 
इस दिल का अरमान हो तुम,
मेरे जीवन की मुस्कान हो तुम,
 
करे न क्यों खुद पर वो गुमान,
जिसके जीवन का तुम हो सम्मान।
 
 
 
जीने की अभिलाषा तुम,
इस जीवन की हर आशा तुम ।
 
जिंदगी की चाहत में तुम,
मेरे कदमो की आहट में तुम ।।
 
 
 
मेरे जीवन की पहचान
मेरे जीवन की पहचान – Hindi poem
 

इस दिल का अरमान हो तुम,
मेरे जीवन की मुस्कान हो तुम ।

करे न क्यों खुद पर वो गुमान,
जिसके जीवन का तुम हो सम्मान।।

 

जीने की अभिलाषा तुम,
इस जीवन की हर आशा तुम ।
 
जिंदगी की चाहत में तुम,
मेरे कदमो की आहट में तुम ।।
 
 

मेरे जीवन की पहचान.. by Tripti Srivastava

 
जो मैं नदिया, तो किनारा तुम,
जो मैं आकाश, तो सितारा तुम ।
 
जो मैं अग्नि, तो अंगारा तुम,
जो मैं बगिया, तो बहारा तुम ।।
 
 
इस दरिया ए मौज़, की धारा तुम,
मेरे जीने का सहारा हो तुम ।
 
हर मुश्किल का समाधान हो तुम,
मेरे जीवन की पहचान हो तुम।।
 
 
तुझमें ही मेरी साँस है बसती,
तुमसे जीने की आस है मिलती।
 
तुझे सदा मिलती रहे ‘तृप्ति‘ ,
इस दिल की यही है अभिव्यक्ति ।।
 
 
                    —तृप्ति श्रीवास्तव
 
 
 
 

by Tripti Srivastava
मेरा नाम तृप्ति श्रीवास्तव है। मैं इस वेबसाइट की Verified Owner हूँ। मैं न्यूमरोलॉजिस्ट, ज्योतिषी और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ हूँ। मैंने रिसर्च करके बहुत ही आसान शब्दों में जानकारी देने की कोशिश की है। मेरा मुख्य उद्देश्य लोगों को सच्ची सलाह और मार्गदर्शन से खुशी प्रदान करना है।

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