Shanichari Amavasya 2024 (शनि अमावस्या तिथि 2024 शुभ मुहूर्त)
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक जब अमावस्या (Amavasya) शनिवार (Saturday) को पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या या शनिचरी अमावस्या (Shanichari Amavasya 2024) कहा जाता है.
इस बार शनि अमावस्या (Shani Amavasya) पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी लगने वाला है. इसलिए यह शनिवारी अमावस्या (Shani Amavasya) और खास हो गई है. आइए जानते हैं शनि अमावस्या की शुभ महूर्त और स्नान-दान के बारे में.
शनि अमावस्या (Shanichari Amavasya 2024)
पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिदेव का जन्म अमावस्या तिथि को शनिवार के दिन हुआ था। इसलिए शनि अमावस्या का ये संयोग शनिदेव को प्रसन्न करने एवं शनिदोषों से मुक्ति पाने का एक विशेष अवसर है।
शनि अमावस्या तिथि 2024 शुभ मुहूर्त (Shanichari Amavasya 2024)
पंचांग के अनुसार वैशाख कृष्ण पक्ष की शनिचरी अमावस्या कि तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर की रात 09 बजकर 50 मिनट से हो रही है. जबकि शनिचरी अमावस्या की तिथि का समापन 14 अक्टूबर की रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. उसके बाद शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा. ऐसे में शनिचरी अमावस्या 14 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
शनि अमावस्या के दिन करें ये उपाय (Shanichari Amavasya 2024)
1. शनि अमावस्या के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नानादि के बाद लकड़ी की चौकी लगाएं और इस पर काले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर शनि देव की प्रतिमा, यंत्र और सुपारी स्थापित करके सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
2. शनि देव पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम, काजल लगाकर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें। इस दिन सरसों के तेल में तली हुई पूड़ी और अन्य चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
3. इसके अलावा इस दिन 5, 7, 11 या 21 बार शनि मंत्र का जाप करें और शनि चालीसा का पाठ जरूर करें और आखिर में शनि देव की आरती करना न भूलें।
4. शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की प्रतिमा के समक्ष सरसों के तेल का दीपक और सरसों के तेल के बने मिष्ठान अर्पित करें। पीपल के नीचे भी सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न (Shanichari Amavasya 2024 upay)
• शनिदेव की प्रसन्नता के लिए जातक को शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए एवं गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए,ऐसा करने से जीवन में आए संकट दूर होने लगते हैं।
• शनि अमावस्या पर गरीबों को भोजन कराने और असहाय लोगों की मदद करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
• शनिदेव, हनुमानजी की पूजा करने वालों से सदैव प्रसन्न रहते हैं,इसलिए इनकी कृपा पाने के लिए शनि पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।
• ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार शनि अमावस्या पर पीपल की जड़ में कच्चा दूध मिश्रित मीठा जल चढ़ाने व तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
शनि की साढ़ेसाती या ढईया के चलते पीपल के पेड़ की पूजा करना और उसकी परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। वहीं सुख-शांति में वृद्धि के लिए इस दिन पीपल का वृक्ष रोपना बहुत अच्छा माना गया है।
• शनिदेव के दिव्य मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का इस दिन जप करने से प्राणी भयमुक्त रहता है।
• शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। शनि दोष की शांति के इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से ‘ॐ नमः शिवाय’ का उच्चारण करते हुए अभिषेक करना चाहिए।
• शनि अमावस्या के दिन काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहे की कोई चीज और सरसों का तेल आदि सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद या गरीबों को दान करें। इसके बाद शनि स्तोत्र का तीन बार पाठ करें।
• साथ ही आप शनि मंत्र और शनि चालीसा के पाठ भी कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि की महादशा के कष्ट कम होते हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
शनि अमावस्या के दिन करें दान (Shanichari Amavasya 2024 Daan)
शनि अमावस्या के दिन काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, लोहे की कोई चीज और सरसों का तेल आदि सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद या गरीबों को दान करें.
फिर शनि स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. ऐसा करने से शनि की महादशा के कष्ट कम होते हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.
शनि अमावस्या के दिन ये ना करें (Shanichari Amavasya 2024 don’t)
• शनि अमावस्या के दिन ध्यान रखें कि घर में लोहे से बनी कोई वस्तु ना लेकर आए। आज के दिन लोहे की चीजें खरीदने से भगवान शनि रुष्ट हो जाते हैं और ऐसा करने से आपकी शारीरिक और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं ।
• सरसों का तेल, लकड़ी,जूते-चप्पल और काली उड़द को आप भूल से भी इस दिन खरीदकर नहीं लाएं,वरना आपको शनिदेव की कुदृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
• इस दिन शनिदेव मंदिर में शनि के दर्शन करने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि भूल से भी उनकी आंखों को न देखें।शास्त्रों के अनुसार इनकी आखों में देख कर दर्शन करने से अनिष्ट होने का भय रहता है।
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पितृदोष से पा सकते हैं मुक्ति (Shanichari Amavasya 2024 Pitridosh)
शनिचरी अमावस्या स्नान-दान और पितरों के निमित्त श्राद्ध के लिए खास होती है. साथ ही इस दिन पितृ दोष से मुक्ति और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए उनके निमित्त खीर का भोग लगाया जाता है.
धार्मिक मान्ताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और इस दिन पितरों की भी पूजा करते हैं। अमावस्या पर पिंडदान, तर्पण आदि करने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है।
शनिचरी अमावस्या (वैशाख अमावस्या) पर पितृदोष मुक्ति उपाय
- यदि आपको पितृदोष है, तो इस दिन स्नान के बाद पितरों के लिए जल में काला तिल, अक्षत् और फूल मिलाकर तर्पण करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और उनके तृप्त होने से पितृ दोष दूर होता है.
- अमावस्या पर पितृदोष से मुक्ति के लिए आप अपने पितरों के लिए पिंडदान कर सकते हैं.
- पितरों की आत्म तृप्ति के लिए उनका श्राद्ध कर्म कर सकते हैं. इससे भी पितृदोष से मुक्ति पाई जा सकती है.
- अमावस्या के अवसर पर पितृदोष से मुक्ति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं. उस भोजन में से कुछ भाग कौआ, गाय या कुत्ते को खिला देते हैं.
- अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ को जल अर्पित करते हैं और दीपक दान करते हैं.
- पितृ दोष से मुक्ति के लिये और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिये आज दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाना चाहिए।
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सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या (Shanichari Amavasya 2024 Surya Grahan)
इस बार सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का समय लगभग साथ ही पड़ रहा है। ऐसे में आपको सूर्य ग्रहण के साथ ही शनि देव के प्रकोप का भी सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इससे बचने के लिए आपको कुछ काम करने होंगे।
तो चलिए आज जानते हैं कि इस दौरान संकट से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए….
संकट से बचने के लिए करें ये उपाय (Shanichari Amavasya 2024 Upay)
• सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन पंचामृत स्नान, तिल-तेल से शनि देव का अभिषेक करें और इस के साथ ही शनि चालीसा का पाठ करने से संकट दूर होते हैं।
• शनि अमावस्या के दिन पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के दौरा आप तेल, जूते-चप्पल, लकड़ी का पलंग, छाता, काले कपड़े और उड़द की दाल का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है और शनि दोष दूर होता है।
• सूर्य ग्रहण के दिन जब ग्रहण समाप्त हो जाए तो पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव करें और साथ ही स्नान करें। ग्रहण के दौरान ये भी ध्यान रखें कि खाने पीने कि चीजों में तुलसी डालकर रखें। मान्यता है ऐसा करने से खाने पीने कि चीजों में ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता।
Conclusion (Shanichari Amavasya 2024) :
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)