याद आती है मुझे | Hindi Poem by Tripti Srivastava | Jovial talent – 1

याद आती है मुझे……मेरी कलम से

याद आती है मुझे, गुजरे जमाने की वो धुंधली तस्वीर…

वो रातों को जगना,
अरमानों को पंख लगाना,
निंदिया को भगाकर,
किताबों को जगह देना।

गूँजती है कानों में अब भी मेरे नाम की वो पुकार…

वो तालियों का गूंजना,
सफलता के कदम चूमना,
पुरस्कारों के साथ तस्वीरें खिंचवाना,
उत्साह से बड़ों का आशीर्वाद लेना।

याद आती है मुझे
याद आती है मुझे – Hindi Kavita

Hindi Poem by Tripti Srivastava

वक़्त ने कुछ इस तरह मुझसे सौदा किया….

अब नही मेरा वो नाम था,
ना ही अरमान था,
अब ना ही वो ‘तृप्ति’ थी,
ना ही वो चैन था।

आईने से पूछा करती यही मैं बार-बार…

मेरा वो नाम कहाँ गुम हो गया,
मेरा वो सम्मान मुझे क्यों छोड़ गया,
अरमानों ने अपना क्यों पंख कुतर दिया,
नींदों की जगह क्यों करवटों ने ले लिया।

                       —  तृप्ति श्रीवास्तव

by Tripti Srivastava
मेरा नाम तृप्ति श्रीवास्तव है। मैं इस वेबसाइट की Verified Owner हूँ। मैं न्यूमरोलॉजिस्ट, ज्योतिषी और वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ हूँ। मैंने रिसर्च करके बहुत ही आसान शब्दों में जानकारी देने की कोशिश की है। मेरा मुख्य उद्देश्य लोगों को सच्ची सलाह और मार्गदर्शन से खुशी प्रदान करना है।

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